सपने देखते हैं आप ? भई पूछने की तो बात नहीं है ये पर लोग इतना शर्माते हैं बताने में कि ऐसा लगता है उनकी नींद में सपने ही न हों । खैर अपना तो यही सपना था कि एक दिन हम भी पढ़ें और एक ऐसी डिग्री मिले की टोपी … जी जब सपना देखा था तब उसे टोपी ही समझते थे हम… खैर तब ही ये फिक्स था लगभग बी एच यू से नहीं होगा वो … कारण वो तो साफा पहना देते हैं जी ! खैर हमने बी एच यू छोड़ जिस महबूब को अपनाया वो औवल दर्ज़े का दगाबाज़ निकला न घर का छोड़ा न घाट का दो साल की मुहब्बत एम ए की डिग्री के साथ खत्म हो गयी दिल मे बस हाय जेएनयू रह गया । खैर हमे डी यू ने अपना लिया और वो भी खुले दिल से। अपनी पीएचडी चल रही है और एम फिल भी किताब की शक्ल लेने वाली है … इस प्यार में बहोत तकलीफें भी दी हैं पर किसी ने कहा ही है ‘ सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो , सभी हैं राह में तुम भी निकल सको तो चलो ‘ । फिलहाल हम तो उस टोपी की ख्वाहिश में यहां तक आ गए …आज आप की दुआएं अपने लिए मांग रही… बाकी आप सब भी अपने सपनो की फेहरिस्त दे सकते हैं हमारी भी दुआ रहेगी ऊपरवाला उन्हें पूरा करे … आज सिर्फ अपने साथ वालो के लिए दुआएं की वो अपनी मंजिलों को पहुंचें आमीन !

11 thoughts on “

  1. जब काँटे चुभना नहीं छोड़ सकती तो गुलाब महेकना क्युं छोड़ दे……..लिखते रहिए……पढ़ते रहिए……निरंतर आगे बढ़ते रहिए🌸😊

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  2. acha likha hii bahut…BHU-JNU-DU…. बहुत पढ़ाई की आपने अब तो डॉक्टर लग जायेगा …पढ़ते रहिये अच्छा अच्छा लिखते रहिये .
    .🙌🙌

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  3. Bahut badhiya dost….. Doctor naam k aage bas lagne he wala aapke…. Ha “topi” wali baat kaafi acchi hai …..hum bhi humesha safed coat aur stetchoscop ka sapna dekhte the….

    Jab apne sapne pure hote toh itna accha lagta….

    aapka lekhan shaandaar hai…. TOPI Milegi jarur🙌🙌… Gold medal k saath…. 👍Shubhkamnaye dost… Zindagi me nirantar badhe rahiye…. Aur apne lekhan se sabka dil Kerrie😊😊

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